फ़िलीपींस में दुतेर्ते परिघटना और उसके निहितार्थ
नवउदारवादी नीतियों को लागू करने के लिए जिस निरंकुशता की ज़रूरत होती है वह दुतेर्ते में कूट-कूट कर भरी हुई है। उसकी कोशिशों के नतीजे के रूप में फि़लीपींस में भले ही विदेशी पूँजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन उसका फ़ायदा वहाँ के रईसों को ही होने वाला है और फि़लीपींस की आम मेहनतकश जनता की ज़िन्दगी की मुश्किलें बरक़रार रहेंगी क्योंकि नवउदारवादी नीतियाँ रोज़गारविहीन विकास ही दे सकती हैं, जिसके फलस्वरूप असमानता की खाई का चौड़ा होना और जारी रहेगा। । हाँ यह ज़रूर है कि फि़लीपींस के इतिहास में पहली बार अमेरिकी साम्राज्यवादियों पर पूर्ण निर्भरता की बजाय फि़लीपींस के भू-सामरिक स्थिति का लाभ उठाकर वह अमेरिका और चीन दोनों से मोलतोल करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। देखना यह है कि अमेरिका में ट्रम्प के सत्ता में आने के बाद एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में आए इस बड़े बदलाव और से इस इलाक़े पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इतना तो तय है कि दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी व चीनी साम्राज्यवादियों के बीच जारी प्रतिस्पर्द्धा और तेज़ होगी जिससे वहाँ तनाव व अस्थिरता का माहौल भी पैदा होगा जिसका दुष्परिणाम फि़लीपींस की आम आबादी को ही झेलना होगा। read more